Monday, February 28, 2011

क्यूँ इन नज़रों को उसका इंतज़ार आज भी है,

क्यूँ इन नज़रों को उसका इंतज़ार आज भी है,
कर दिया दिल से दूर मगर प्यार आज भी है,
उनके चेहरे से इन आँखों का रिश्ता बड़ा अजीब है ,

...
देखे किसी और को लगता वही करीब है,
...
दिल मे 1 बैचैनी साँसों मे भी उलझन सी है,
ख्वाबों मे उसकी यादें आज भी दुल्हन सी है.

8 comments:

  1. शानदार.... शुभागमन...!
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  2. "ख्वाबों मे उसकी यादें आज भी दुल्हन सी है"

    बहुत खूब

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  3. बहुत सुंदर पंक्तियाँ..भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाये
    अति उत्तम ...:)

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