Saturday, February 4, 2012
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ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है?
माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है? पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे, टॉफियाँ खिलोने साथ मे...
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हर खुशी है लोगों के दामन में , पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं . दिन रात दौड़ती दुनिया में , ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं . माँ की लोरी का ए...
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है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत मैं शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं. है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर ...
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माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है? पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे, टॉफियाँ खिलोने साथ मे...