Thursday, January 26, 2012

एक तमन्ना और सही


प्यार का ये बुखार क्यूँ चढ़ने लगा है,
उतर गया था नशा तो क्यूँ बढ़ने लगा है,
मासूमियत उसके चेहरे की क्यूँ सताने लगी है,
आज फिर से इतना प्यारा कोई क्यूँ लगने लगा है.
रातों मे उसकी हसीं याद  क्यूँ आने लगी है,
सदियों से फैली ये उदासी चेहरे से जाने लगी है,
इतना प्यारा भला कोई हो भी सकता है,
खुशियाँ शायद फिर से मुझे गले लगाने लगी है.
आँखों मे उसके अपनी तस्वीर सजाना चाहता हूँ,
खुद को उसके मुस्कान की वजह बनाना चाहता हूँ,
होंठो से भले नाम लिया हो मेरा अनजाने मे,
मे बस उसी एक पल मे खो जाना चाहता हूँ.
उसकी हर एक अदा प्यारी लगने लगी है,
दिलो दिमाग पर एक खुमारी चढ़ने लगी है,
देख के उसको सारी थकान उतर सी जाती है,
उसको हर एक पल देखने की बेकरारी बढनें लगी है.
उसकी शरारतें मेरे दिल को बहुत ही भाती हैं,
आहटें उसकी सुनकर ये हवाएं थम सी जाती है,
भीड़ मे भी वो ही वो क्यूँ दिखें मुझे,
आँखें हो बंद तो दबे पाँव ख़्वाबों मे चली आती है.
खुशबू उसकी मेरे मन को महका रही है,
नजाकत उसकी मेरे धड़कनों को बहका रही है,
जुल्फें जो बिखरा ली हैं उसने अपने कंधों पर,
जैसे चाँद को बादलों मे से ले के आ रही है.
तेरी अदाओं मे नादानी का बहाना है,
तुझे बना के ग़ज़ल अपने होंठों पे गुनगुनाना है,
तेरे साये के अहसास से ही मचल जाता हूँ मे,
वो महफ़िल कितनी खूबसूरत होगी जंहाँ तेरा जाना है.

इस रात की गुमनामियों मे कहीं खो ना जाऊं मै


इस रात की गुमनामियों मे कहीं खो ना जाऊं मै ,
यूँ ख्वाब ना दिखा कहीं ताउम्र सो ना जाऊं मै,
कुछ कतरे तेरे प्यार के दिल की गहराइयों मे जा बसे,
इन्हें हवा ना दे तेरी याद की कहीं किसी और का हो ना पाऊं मे.
जीने का मुझको हक तो दे अपनी यादें समेट ले,
या गुजार जिंदगी मेरे साथ आ मेरी बाहों मे लेट ले,
तनहाइयों मे भी खुश हूँ मै तू अपने सर ना कोई इलज़ाम ले,
बस देखने दे मुझे भी रौशनी यूँ ना अपने साए से लपेट ले ....

Wednesday, January 25, 2012

Hai Naman Unko- A Tribute to Real Indian Heroes. Dr Kumar Vishwas



है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर
इस जगत मैं शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं.
है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय
जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गए हैं


पिता, जिनके रक्त ने उज्जवल किया कुल-वंश-माथा
माँ, वही जो दूध से इस देश जकी राज टोल आई
बहन, जिसने सावनों मैं भर लिया पतझड़ स्वयं ही
हाथ ना उलझें कलाई से जो राखी खोल लाई
बेटियाँ जो लोरियों मैं भी प्रभाती सुन रही थीं
"पिता' तुम पर गर्व है चुपचाप जा कर बोल आई
प्रिया, जिसकी चूड़ियों मैं सितारे से टूटते हैं
मांग का सिन्दूर देकर जो सितारे मोल लाई
है नमन उस देहरी को जहां तुम खेले कन्हैया
घर तुम्हारे, परम तप की राजधानी हो गए हैं
है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए हैं

हमने भेजे हैं सिकंदर सर झुकाए, मात खाए
हमसे भिड़ते हैं वे, जिनका मन, धरा से भर गया है
नरक मैं तुम पूछना अपने बुजुर्गों से कभी भी
उनके माथे पर हमारी ठोकरों का ही बयान है
सिंह के दांतों से गिनती सीखने वालों के आगे
शीश देने की कला मैं क्या अजब है क्या नया है
जूझना यमराज से आदत पुराणी है हमारी
उत्तरों की खोज मैं फिर एक नचिकेता गया है
है नमन उनको कि जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन
काल-कौतुक जिनके आगे पानी-पानी हो गए हैं
है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए हैं

लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य लेखे
विजय के उद्घोष गीता के कथन तुमको नमन है


राखियों की प्रतीक्षा, सिन्दूरदानों की व्यथाओं
देशहित प्रतिबद्ध यौवन के सपन, तुमको नमन है 


बहन के विश्वास भाई के सखा कुल के सहारे
पिता के व्रत के फलित, माँ के नयनं, तुमको नमन है
कंचनी-तन, चांदनी-मन, आह, आंसू, प्यार, सपने
राष्ट्र के हिट कर चले सब कुछ नमन तुमको नमन है
है नमन उनको कि जिनको काल पाकर हुआ पावन
शिखर जिनके चरण छूकर और मानी हो गए हैं   
है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए हैं

Sunday, January 8, 2012

मैं मुहब्बत हूँ ज़बानों में न बाँटों मुझ को

"इतनी नफ़रत भरे लहजे में न बोलो मुझसे ,
एक एहसास हूँ, एहसास से काटो मुझ को ,
सिर्फ लिखने के है औज़ार ये हिंदी उर्दू ,
मैं मुहब्बत हूँ ज़बानों में न बाँटों मुझ को....."

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पास रुकता भी नहीं,दिल से गुज़रता भी नहीं ,
वैसे लम्हा कोई जाया नहीं लगता मुझ को 
गाँव छोड़ा था कभी और अब यादें छूटीं ,
अब कोई शहर पराया नहीं लगता मुझ को ....

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दर्द का साज़ दे रहा हूँ तुम्हे.
दिल के सब राज़ दे रहा हूँ तुम्हे.
ये ग़ज़ल, गीत सब बहाने है.
मैं तो आवाज़ दे रहा हूँ तुमहे.......

ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है?

माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है? पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे, टॉफियाँ खिलोने साथ मे...