Tuesday, June 7, 2011

पीने पिलाने के सब हैं बहाने

कहाँ  की  मुहब्बत  कहाँ  के  फ़साने


पीने  पिलाने  के  सब  हैं  बहाने


ख़ुशी  में   भी   पी  है


तू  ग़म  में  भी  पी  है


हैं  मस्ती  भरे  ये  मैखाने  के  पैमाने 




...पीने  पिलाने  के  सब  हैं  बहाने


सताए  न  हमको  कभी  याद  इ  माजी


चलो  भूल  जाएँ  वो  गुज़रे  ज़माने


पीने  पिलाने  के  सब  हैं  बहाने


चलो  अब  तू  गुमनाम  एस  मैखाने  से


तुम्हें  दफन  करने  हैं  सब  ग़म  पुराने


पीने  पिलाने  के  सब  हैं  बहाने ..


सब  हैं  बहाने


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